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The latest syllabus of UP Board Class 12 has been released. Understanding the syllabus is the first step for Class 12 students because they have to appear for the board's exam. A syllabus will provide a base for students on what chapters and topics to be studied within an academic year. Below we have provided a download PDF for the latest syllabus along with the reduced syllabus of 2024-25 to get an idea of the newly added and deleted topics.
2024-25 Latest Syllabus
2023-24 Syllabus
(for reference purposes only)
भाग-I (अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते)
खण्ड (क)-साझेदारी लेखांकन – आधारभूत अवधारणाएँ
साझेदारी की प्रकृति, साझेदारी विलेख, लेखांकन हेतु अनुकूल प्रावधान, साझेदारी खातों के विशिष्ट पहलू, साझेदारों के पूँजी खातों का अनुरक्षण, साझेदारों के बीच लाभ का विभाजन, लाभ एवं हानि विनियोग खाता, पूँजी पर ब्याज का परिकलन, पूँजी में परिवर्तन एवं आहरण, आहरणों पर ब्याज, एक साझेदार को लाभ की गारंटी, पूर्व समायोजन।
खण्ड (ख)-साझेदारी फर्म का पुनर्गठन: साझेदार का प्रवेश
साझेदारी फर्म के पुर्नगठन के प्रकार, साझेदार का प्रवेश, नया लाभ विभाजन अनुपात, त्याग अुनपात, ख्याति-ख्याति का अर्थ, ख्याति के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक, ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति मूल्यांकन की विधियाँ, औसत लाभ विधि, अधि लाभ विधि, पूँजी करण विधि, ख्याति का व्यवहार- जब नया साझेदार ख्याति की धनराशि नगद लेकर आता है, जब नया साझेदार पूर्णतः अथवा आंशिक ख्याति नहीं लेकर आता है, प्रच्छन ख्याति, संचित लाभों और हानियों का समायोजन, परिसंपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन और दायित्वों का पुनर्निर्धारण, पूँजी का समायोजन, वर्तमान साझेदारों के लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन।
खण्ड (ग)-साझेदारी फर्म का पुनर्गठन – साझेदार की सेवानिवृत्ति/मृत्यु
सेवानिवृत्त/मृत्त साझेदार को देय राशि का निर्धारण, नया लाभ विभाजन अनुपात, अभिलाभ अनुपात, ख्याति का व्यवहार-जब ख्याति पुस्तकों में विद्यमान नहीं है, प्रच्छन,ख्याति परिसंपत्तियों तथा दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन के लिये समायोजन, संचित लाभों तथा हानियों का समायोजन, जब साझेदार वर्ष के मध्य सेवानिवृत्त होता है, सेवानिवृत्त साझेदार को देय राशि का निपटारा, साझेदारों की पूँजी का समायोजन, साझेदार की मृत्यु।
खण्ड (घ)-साझेदारी फर्म का विघटन
साझेदारी का विघटन, फर्म का विघटन, खातों का निपटारा, लेखांकन व्यवहार।
खण्ड (क)-अंशपूँजी के लिए लेखांकन
कम्पनी का विशेषताएं, कंपनी के प्रकार, कंपनी की अंशपूँजी, अंशपूँजी का वर्गीकरण, अंशों की श्रेणियाँ एवं प्रकृति, अधिमानी अंश, समता अंश, अंशों का निर्गमन, लेखांकन व्यवहार-बकाया माँग, अग्रिम माँग खाता, अधि-अभिदान, अंशों का न्यून अभिदान, अंशों का अधि-मूल्य पर निर्गमन, अंशों का बट्टे पर निर्गमन, रोकड़ के अतिरिक्त प्रतिफल में अंशों का निर्गमन। अंशों का हरण, -हरण किये गए अंशों का पुनः निर्गमन
खण्ड (ख)-ऋणपत्रों का निर्गम एवं मोचन
उपखण्ड-1-़ ऋणपत्रों का आशय, प्रकार, अंश और ऋणपत्र के बीच अन्तर, ऋणपत्रों के प्रकार-(सुरक्षा के दृष्टिकोण से, अवधि के दृष्टिकोण से,) परिवर्तनीयता के दृष्टिकोण से, कूपन दर के दृष्टिकोण से, पंजीकरण के दृष्टिकोण से, ऋणपत्रों का निर्गम-रोकड़ के लिये ऋणपत्र का निर्गम-बट्टे पर ऋणपत्र का निर्गमन, प्रीमियम पर निर्गमित ऋणपत्र, अधि-अभिदान, रोकड़ के अतिरिक्त अन्य प्रतिफल पर ऋणपत्रों का निर्गमन, ऋणपत्रों का संपाशि्र्वक प्रतिभूति के रूप में निर्गमन, ऋणपत्रों को निर्गमित करने की शर्तें, ऋणपत्रों पर ब्याज, लेखांकन व्यवहार, ऋण पत्र निर्गम पर बट्टा/हानि का अपलेखन
खण्ड (ग)-कंपनी के वित्तीय विवरण
वित्तीय विवरणों का अर्थ, वित्तीय विवरणों की प्रकृति, वित्तीय विवरणों के उद्देश्य, वित्तीय विवरणों के प्रकार, तुलन पत्र का प्रारूप एवं विषय सामाग्री,प्रकटन की प्रमुख विशेषताएं, अंशधारक निधियां, अंशपूँजी, आरक्षितियाँ और अधिशेष, अंश वारंट के प्रति प्राप्त धन, चालू एवं गैर चालू वर्गीकरण, चालू/गैर-चालू में विभेद, अंश आवेदन राशि बकाया आबंटन, ऋण अस्थगित कर परिसंपत्तियाँ अथवा देयताएँ, व्यापार देय, प्रस्तावित लाभांश, प्रावधान, स्थायी परिसंपत्तियाँ, निवेश, रहतिया, व्यापारिक प्राप्य, रोकड़ एवं रोकड़ तुल्यांक, लाभ हानि विवरण का प्रारूप एवं विषय सामग्री, वित्तीय विवरणों की उपयोगिता एवं महत्व, वित्तीय विवरणों की सीमाएं।
खण्ड (घ)-लेखांकन अनुपात
लेखांकन अनुपात का अर्थ, अनुपात विश्लेषण के उद्देश्य, अनुपात विश्लेषण के लाभ, अनुपात विश्लेषण की सीमाएं, अनुपातों के प्रकार, द्रवता अनुपात, चालू अनुपात, तरल अनुपात, ऋण शोधन क्षमता अनुपात-ऋण समता अनुपात, ऋण पर नियोजित पूँजी अनुपात, स्वामित्व अनुपात, कुल परिसंपत्तियों पर ऋण अनुपात, ब्याज व्याप्ति अनुपात, क्रियाशीलता (या आवर्त) अनुपात, रहतिया आवर्त अनुपात, व्यापारिक प्राप्य आवर्त अनुपात, व्यापारिक देय आवर्त अनुपात, निवल परिसंपत्तियाँ अथवा (विनियोजित पूँजी) आवर्त अनुपात, लाभ प्रदता अनुपात, सकल लाभ अनुपात, प्रचालन अनुपात, प्रचालन लाभ अनुपात, निवल लाभ अनुपात, नियोजित पूँजी अथवा निवेश पर प्रत्याय, अंश धारक निधि पर प्रत्याय, प्रति अंश अर्जन, प्रति अंश पुस्तक मूल्य, लाभांश भुगतान अनुपात, मूल्य अर्जन अनुपात।, लाभांश भुगतान अनुपात।
खण्ड (ङ)-रोकड़ प्रवाह विवरण
रोकड़ प्रवाह विवरण के उद्देश्य, रोकड़ प्रवाह विवरण के लाभ, रोकड़ एवं रोकड़ तुल्यराशियाँ, रोकड़ प्रवाह, रोकड़ प्रवाह विवरण को तैयार करने हेतु क्रियाकलापों का वर्गीकरण-प्रचालन क्रियाकलाप से रोकड़, निवेश क्रियाकलापों से रोकड़, वित्तीय क्रियाकलापों से रोकड़, कुछ विशिष्ट (व्यक्तिगत) मदों का व्यवहार।, प्रचालन क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह की गणना- अप्रत्यक्ष विधि, निवेश एवं वित्तीय क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह की गणना, रोकड़ प्रवाह विवरण का निर्माण।
<red>साझेदार की सेवानिवृत्ति/मृत्यु - <red>
<red>दये राशि का निर्धारण, नया लाभ विभाजन अनुपात, अधिलाभ अनुपात, ख्याति का व्यवहार, परिसम्पत्तियों तथा दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन के लिए समायोजन, संचित लाभों तथा हानियों का समायोजन, सेवा निवृत्त साझेदार को देय राशि का निपटारा, साझेदारों की पूँजी का समायोजन, साझेदार की मृत्यु।<red>
<red>साझेदारी फर्म का विघटन <red>
<red>साझेदारी का विघटन, फर्म का विघटन, खातों का निपटारा, लेखांकन व्यवहार।<red>
<red>ऋणपत्रों का निर्गम एवं मोचन<red>
<red>उपखण्ड-1-<red> <red>ऋणपत्रों का आशय, प्रकार, अंश व ऋणपत्र में अन्तर, ऋणपत्रों का निर्गमन, ऋणपत्रों पर ब्याज, बट्टे का अपलेखन।<red>
<red>उपखण्ड-2-<red> <red>ऋणप़त्रों का मोचन (शोधन)- आशय एव विधियाँ (एक मुश्त भुगतान द्धारा मोचन, खुले बाजार में क्रय द्धारा मोचन, परिवर्तन द्धारा मोचन, निर्गम निधि-विधि)<red>
<red>लेखांकन अनुपात <red>
<red>अर्थ, अनुपात विश्लेषण के उद्देश्य, अनुपात विश्लेषण के लाभ, सीमाएं, अनुपातों के प्रकार।<red>